Sunday, May 4, 2014

ये गठबंधन की सरकारें!

गठबंधन की सरकारों में, होती जम कर सौदेबाजी।
पद भी लें, रुपये भी ऐंठें, तभी साथ देते कुछ पाजी॥
    इस पर भी उनके नखरों को, मजबूरन ही सहना होता।
    गर सरकार बचानी हो तो, 'हां' में 'हां' करना ही होता॥
दल बदलू कानून बना जो, उसकी देखें छीछालेदर।
सुबह-शाम दल बदले जाते, कुछ होता ना इसको लेकर॥
    ऐसे में विकास की आशा, कैसे करें जरा समझायें।
    वे चिंता में डूबे रहते, कुर्सी अपनी खिसक न जाये॥
                         -डॉ. रुक्म त्रिपाठी

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